Traffic Rules in Hindi: कल से दिल्ली में सख्त नियम लागू: इन गाड़ियों की एंट्री बैन, जानें छूट
Traffic Rules in Hindi: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में वायु प्रदूषण से निपटने के लिए सरकार ने एक बड़ा, लेकिन जरूरी कदम उठाया है। 1 नवंबर से अब सिर्फ BS-VI मानक वाले कॉमर्शियल गुड्स वाहन ही दिल्ली में प्रवेश कर सकेंगे, जो कि दिल्ली में सख्त नियम लागू होने का संकेत है। यह महत्वपूर्ण आदेश वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) और दिल्ली परिवहन विभाग के संयुक्त निर्देशों के तहत जारी किया गया है। इस फैसले का मुख्य मकसद सर्दियों के मौसम में बढ़ते प्रदूषण को नियंत्रित करना और हवा की गुणवत्ता में सुधार लाना है। यह कार्रवाई, ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP) के तहत, दिल्ली की हवा को स्वच्छ बनाने की दिशा में एक निर्णायक कदम मानी जा रही है, जो विशेष रूप से उन पुराने वाहनों को सड़कों से हटाएगी जो अधिक प्रदूषण फैलाते हैं।
CAQM ने अपने आदेश में यह बात स्पष्ट कर दी है कि दिल्ली में अब BS-VI से नीचे (जैसे BS-IV या BS-III) मानक वाले अन्य राज्य में रजिस्टर्ड कॉमर्शियल गुड्स वाहनों की एंट्री पूरी तरह प्रतिबंधित होगी। इनमें लाइट गुड्स वाहन (LGV), मीडियम गुड्स वाहन (MGV) और हेवी गुड्स वाहन (HGV) शामिल हैं। यह रोक प्रदूषण फैलाने वाले पुराने वाहनों को सड़कों से हटाने की दिशा में एक अहम कदम मानी जा रही है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि वाहनों से होने वाला प्रदूषण राजधानी के कुल वायु प्रदूषण का लगभग 38 प्रतिशत हिस्सा है, इसलिए पुराने डीजल ट्रकों और बसों को रोकना प्रदूषण नियंत्रण की दिशा में निर्णायक कदम साबित होगा। यह प्रतिबंध सुनिश्चित करेगा कि केवल स्वच्छ ईंधन मानकों का पालन करने वाले वाहन ही दिल्ली की सड़कों पर उतरें।
Starting tomorrow, there will be a ban on entry of all non-Delhi registered BS-III and below standard commercial goods vehicles into #Delhi.
For more details, kindly visit:https://t.co/Td3eFNB7yW pic.twitter.com/m9mIlmBgTZ
— Commission for Air Quality Management (@CAQM_Official) October 31, 2025
BS-IV रजिस्टर्ड वाहनों को मिली एक साल की अंतरिम छूट
हालांकि, सरकार ने ट्रांसपोर्ट इंडस्ट्री को थोड़ी राहत देते हुए कहा है कि BS-IV इंजन वाले कॉमर्शियल वाहनों को 31 अक्टूबर 2026 तक अस्थायी तौर पर अनुमति दी जाएगी। यह एक तरह का संक्रमणकाल यानी ट्रांजिशनल पीरियड है, ताकि ट्रांसपोर्ट कंपनियां धीरे-धीरे अपने बेड़े को BS-VI मानक में अपग्रेड कर सकें। ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस (AIMTC) के अध्यक्ष भीम वाधवा ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि सरकार ने जो एक साल का संक्रमणकाल दिया है, वह उद्योग के लिए राहत है, लेकिन हमें यह भी देखना होगा कि छोटे ऑपरेटरों पर इसका बोझ कितना बढ़ेगा। ट्रांसपोर्ट एसोसिएशनों के मुताबिक, दिल्ली में प्रतिदिन करीब 60,000 कॉमर्शियल वाहन शहर में माल लाते हैं, जिनमें से लगभग 35 प्रतिशत अभी भी BS-IV मानक पर चल रहे हैं, जिसके लिए यह छूट एक बड़ी राहत है।
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किन वाहनों को मिलेगी प्रवेश में प्राथमिकता और छूट
CAQM के नोटिफिकेशन में यह भी स्पष्ट किया गया है कि सभी प्रकार के वाहनों पर समान रूप से रोक नहीं होगी। कुछ श्रेणियों के वाहनों को इस दिल्ली में सख्त नियम से छूट दी गई है और उन्हें प्राथमिकता भी दी जाएगी, जिससे स्वच्छ ईंधन को बढ़ावा मिले।
- दिल्ली में रजिस्टर्ड कॉमर्शियल गुड्स वाहन।
- BS-VI अनुपालक पेट्रोल/डीजल वाहन।
- BS-IV कमर्शियल गुड्स वाहन (केवल 31 अक्टूबर 2026 तक)।
- CNG, LNG और इलेक्ट्रिक कॉमर्शियल वाहन।
इन वाहनों को न केवल प्रवेश की अनुमति होगी बल्कि इन्हें प्राथमिकता भी दी जाएगी, ताकि स्वच्छ ईंधन और कम उत्सर्जन वाले वाहनों को बढ़ावा दिया जा सके। वहीं, निजी वाहन चालकों को टेंशन लेने की कोई जरूरत नहीं है, क्योंकि फिलहाल निजी वाहनों को लेकर कोई गाइडलाइन जारी नहीं की गई है। यानी बीएस VI से नीचे वाले वाहनों को फिलहाल दिल्ली में एंट्री मिलती रहेगी, साथ ही टैक्सी, ओला-उबर इत्यादि जैसे कमर्शियल पैसेंजर वाहनों पर भी कोई रोक नहीं लगाई गई है।
दिल्ली की हवा पर संकट और GRAP के तहत सख्ती
दिल्ली में अक्टूबर के अंतिम हफ्ते से ही हवा की गुणवत्ता लगातार गिरती जा रही है। सफर (SAFAR) इंडिया के आंकड़ों के मुताबिक, दिल्ली का AQI (Air Quality Index) कई इलाकों में 400 से 900 के बीच दर्ज किया गया, जो ‘गंभीर और अत्यंत खतरनाक श्रेणी’ में आता है। सबसे अधिक प्रदूषित इलाकों में आनंद विहार, चांदनी चौक, अशोक विहार और आईटीओ शामिल हैं। ऐसे में CAQM ने GRAP (Graded Response Action Plan) के तहत यह सख्त कदम उठाया है, जिसमें वाहनों की आवाजाही, निर्माण गतिविधियों और औद्योगिक इकाइयों पर सख्ती के प्रावधान शामिल हैं। इस प्रतिबंध का उद्देश्य उन पुराने वाहनों को हटाना है जो गंभीर प्रदूषण स्तर में सबसे बड़े योगदानकर्ताओं में से एक हैं।
क्या है BS-VI मानक और क्यों जरूरी है?
BS-VI (Bharat Stage VI) भारत सरकार का एक उत्सर्जन मानक है, जिसे 1 अप्रैल 2020 से लागू किया गया। यह यूरो-VI स्तर के बराबर माना जाता है। इस मानक में इंजन और ईंधन दोनों को इस तरह डिज़ाइन किया गया है कि वाहन से निकलने वाले नाइट्रोजन ऑक्साइड (NOx), पार्टिकुलेट मैटर (PM) और कार्बन मोनोऑक्साइड (CO) की मात्रा बहुत कम हो। BS-VI डीजल वाहनों में अब तक की तुलना में 70-80% तक कम प्रदूषण फैलता है, जिससे न केवल हवा साफ रहती है, बल्कि इंजन की कार्यक्षमता भी बढ़ती है। राजेंद्र कपूर, महासचिव, ऑल इंडिया मोटर एंड गुड्स ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि इस नियम को चरणबद्ध तरीके से लागू किया जाएगा और पुराने वाहनों के मालिकों को स्क्रैप पॉलिसी के तहत उचित मुआवजा मिलना चाहिए।
सख्त निगरानी और उल्लंघन पर भारी जुर्माना
दिल्ली परिवहन विभाग ने इस सख्त नियम को प्रभावी बनाने के लिए सभी एंट्री प्वाइंट्स पर RFID (Radio Frequency Identification) आधारित स्कैनिंग सिस्टम सक्रिय कर दिया है। इससे यह सुनिश्चित होगा कि केवल मानक पूरे करने वाले वाहन ही प्रवेश कर सकें। इसके अलावा, परिवहन विभाग ने स्पष्ट किया है कि जो वाहन इस नियम का उल्लंघन करेंगे, उन पर ₹20,000 तक का भारी जुर्माना लगाया जाएगा और बार-बार उल्लंघन करने पर परमिट भी रद्द किया जा सकता है। यह कदम प्रदूषण के खिलाफ जीरो-टॉलरेंस नीति को दर्शाता है।

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