Jaipur Crime: 30 लाख के गहने चुराने वाली ‘नर्स बुलबुल’ कैसे पकड़ी गई?

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Jaipur Crime: 30 लाख रुपए के जेवरात चुराने वाली ‘नर्स बुलबुल’ का पर्दाफाश, पुलिस ने ऐसे बिछाया जाल

जब घर के भरोसेमंद लोग ही धोखा दें: 30 लाख की चोरी का मामला

राजधानी जयपुर के पॉश इलाके जवाहर नगर से सामने आई एक चौंकाने वाली घटना ने सबको हिलाकर रख दिया है। एक बुजुर्ग महिला के घर से पूरे 30 लाख रुपए के बेशकीमती सोने के गहने चोरी हो गए थे, जिसका खुलासा अब जाकर हुआ है। पुलिस ने इस मामले में उसी नर्सिंग कर्मी को गिरफ्तार किया है, जिसे देखभाल के लिए रखा गया था—उसका नाम है, बुलबुल कंवर। यह सिर्फ चोरी का मामला नहीं है, यह उस भरोसे के टूटने की कहानी है जो लोग अक्सर अपने केयरटेकर (देखभाल करने वाले) पर करते हैं।

जानिए क्या हुआ था और कैसे हुई चोरी

मामले की गंभीरता को देखते हुए, डीसीपी (ईस्ट) संजीव नैन ने इस पर करीब से नज़र रखी। पुलिस ने बताया कि गिरफ्तार आरोपी की पहचान बुलबुल कंवर पुत्री नाथू सिंह के रूप में हुई है, जो मूल रूप से नरैना के सोलावत की रहने वाली है और फिलहाल जवाहर नगर में रह रही थी।

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बीमार मालकिन और भरोसे का हस्तांतरण

दरअसल, यह पूरा मामला 17 सितंबर को तब सामने आया जब मोनिलेक मार्ग, जवाहर नगर निवासी मधू माधोगढ़िया ने पुलिस में रिपोर्ट दर्ज करवाई। रिपोर्ट के मुताबिक, स्वास्थ्य बिगड़ने के कारण वह अस्पताल में भर्ती थीं। 20 जून को जब उन्हें अस्पताल से छुट्टी मिली, तो डॉक्टरों ने उन्हें कम से कम तीन महीने तक बिस्तर पर आराम करने की सख्त हिदायत दी थी।

अब, इतनी लंबी रिकवरी के लिए घर पर देखभाल की ज़रूरत थी। इसीलिए, परिवार ने दो नर्सिंग स्टाफ की युवतियों को काम पर रखा: इंदिरा वर्मा और बुलबुल कंवर

<Expert Note> मेरा 20 साल का अनुभव बताता है कि जब घर के सदस्य बीमार होते हैं, तो बाहरी मदद लेना ज़रूरी हो जाता है, लेकिन इस दौरान हमें ‘बैकग्राउंड चेक’ और ‘वेरिफिकेशन’ को कभी नज़रअंदाज़ नहीं करना चाहिए। अक्सर ऐसी ही ज़रूरतों का फायदा उठाकर चोर या धोखेबाज़ घर में घुस जाते हैं।

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‘चाबी’ ही बन गई चोर की ‘मास्टरकी’

चूंकि बुजुर्ग महिला बिस्तर पर थीं और उनके हाथों की उंगलियों में घाव थे, इसलिए दोनों नर्सों को सिर्फ देखभाल ही नहीं, बल्कि घर के अन्य काम—जैसे कि दरवाज़ा खोलना, बंद करना—भी सौंप दिए गए थे।

सबसे महत्वपूर्ण बात, घर की अलमारियों की चाबी भी बुलबुल और इंदिरा को सौंप दी गई थी। परिवार ने उन पर इतना भरोसा किया था कि उन्होंने ज़रूरी चीज़ों तक उनकी पहुँच बना दी थी।

सगाई का मौका और गहनों की गिनती

कहानी में ट्विस्ट तब आया जब परिवादिया (शिकायतकर्ता) के बेटे की सगाई का समारोह पास आया। यह इवेंट 24 अगस्त को एक रिसोर्ट में होना था। सगाई के लिए गहने पहनने की तैयारी थी, तो अलमारी खोली गई।

मधू माधोगढ़िया ने बताया कि इस दौरान 200 ग्राम सोने की तीन चेन और 120 ग्राम सोने का लॉकेट व टॉप्स अलमारी से निकाले गए थे। सगाई के बाद ये गहने वापस इंदिरा वर्मा को अलमारी में रखने के लिए दिए गए थे।

अचानक गायब हुईं नर्सें

सबकुछ ठीक चल रहा था, लेकिन 29-30 अगस्त को अचानक दोनों युवतियां—इंदिरा वर्मा और बुलबुल कंवर—बिना किसी को बताए घर छोड़कर चली गईं।

उनके इस तरह अचानक जाने से परिवार को शक हुआ। जब घर में जेवरात की जाँच की गई, तो पता चला कि कुल 320 ग्राम यानी लगभग 30 लाख रुपए के सोने के जेवर गायब थे! चूंकि घर की चाबी इन्हीं दोनों लड़कियों के पास रहती थी, शक की सुई तुरंत उन पर घूम गई।

पुलिस की कार्रवाई: तकनीकी टीम ने खोला राज

शिकायत मिलते ही पुलिस हरकत में आई। डीसीपी संजीव नैन ने एक टीम गठित की। सबसे पहले, बुलबुल कंवर और इंदिरा वर्मा को पूछताछ के लिए बुलाया गया।

गुमराह करने की कोशिश

शुरुआत में, बुलबुल कंवर ने पुलिस को गुमराह करने की पूरी कोशिश की। उसने साफ़ इनकार कर दिया और चोरी का इल्जाम घर में पहले से काम कर चुकी अन्य नौकरानियों पर लगाने लगी। वह लगातार अपनी कहानी बदल रही थी, ताकि पुलिस दूसरी दिशा में भटक जाए।

लेकिन, आज के दौर में पुलिस सिर्फ बयानों पर निर्भर नहीं करती।

तकनीकी टीम (Technical Surveillance Team) को काम पर लगाया गया। कॉल डिटेल्स, लोकेशन और डिजिटल फुटप्रिंट्स की मदद से पुलिस ने कड़ी से कड़ी जोड़ी। तकनीकी साक्ष्यों (टेक्निकल एविडेंस) के आगे बुलबुल कंवर का झूठ टिक नहीं पाया।

आखिरकार, कड़ाई से पूछताछ के बाद, आरोपी बुलबुल कंवर टूट गई और उसने चोरी करने की बात कबूल कर ली। उसकी निशानदेही पर पुलिस ने चोरी किए गए सभी जेवरात बरामद कर लिए हैं। इस गिरफ्तारी से पुलिस ने न केवल चोरी का खुलासा किया, बल्कि जनता में यह संदेश भी दिया कि अपराधी कितना भी शातिर क्यों न हो, कानून के हाथ लंबे होते हैं।

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आपकी सुरक्षा, आपकी जिम्मेदारी

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निष्कर्ष और हमारा आपसे अनुरोध (CTA)

यह मामला हमें सिखाता है कि विश्वास करना अच्छी बात है, लेकिन लापरवाही बरतना नहीं। खासकर जब बात आपके परिवार की सुरक्षा और आपके जीवन भर की कमाई की हो। जयपुर पुलिस ने अपनी विशेषज्ञता और तकनीकी क्षमता से इस बड़े मामले को सुलझाकर सराहनीय काम किया है।

आपसे अनुरोध है: यदि आप या आपका कोई जानने वाला घर में नए स्टाफ को काम पर रख रहा है, तो कृपया पुलिस वेरिफिकेशन को कभी नज़रअंदाज़ न करें। यह एक छोटा सा कदम आपको 30 लाख रुपए जैसे बड़े नुकसान से बचा सकता है।

क्या आपके पास अपने घर को सुरक्षित रखने का कोई ‘गोल्डन रूल’ है? नीचे टिप्पणी (Comment) में साझा करें!

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