No Layoffs: TCS के ‘तूफान’ के बीच Infosys का मास्टरस्ट्रोक – नहीं होगी छंटनी, करेगा बंपर हायरिंग!
Job news Hindi: एक ओर भारत की सबसे बड़ी आईटी कंपनी, टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS), ने 12 हजार से ज़्यादा कर्मचारियों की छंटनी कर आईटी सेक्टर में हलचल मचा दी है, तो दूसरी ओर भारत की दूसरी सबसे बड़ी आईटी कंपनी, इन्फोसिस (Infosys), ने बिल्कुल उल्टा रास्ता चुना है. जब हर तरफ मंदी, ऑटोमेशन और वैश्विक अनिश्चितताओं की वजह से अनिश्चितता का माहौल है, इन्फोसिस ने यह बड़ा ऐलान किया है कि न केवल वह छंटनी नहीं करेगी, बल्कि इस वित्तीय वर्ष में 20 हजार से ज़्यादा नए ग्रेजुएट्स की हायरिंग करने की योजना बना रही है. इस साहसिक कदम ने इन्फोसिस को आईटी सेक्टर में एक नई उम्मीद बना दिया है और यह दिखाता है कि कैसे एक कंपनी अपने कर्मचारियों के प्रति अपनी प्रतिबद्धता बनाए रख सकती है, भले ही उद्योग में कितनी भी उथल-पुथल क्यों न हो.
times of India की हालिया रिपोर्ट के अनुसार, टीसीएस ने करीब 12 हजार से ज़्यादा कर्मचारियों को नौकरी से निकालना शुरू कर दिया है. यह कंपनी के इतिहास की सबसे बड़ी छंटनी मानी जा रही है, जिसने आईटी क्षेत्र में बड़े पैमाने पर नौकरी की सुरक्षा को लेकर चिंता बढ़ा दी है. टीसीएस के सीईओ, के. कृतिवासन, ने स्पष्ट किया है कि वैश्विक आर्थिक और भू-राजनीतिक अस्थिरता की वजह से तकनीकी सेवाओं की मांग में भारी गिरावट आई है, जिसके परिणामस्वरूप यह कठोर कदम उठाना पड़ा है. इस कदम ने न केवल कर्मचारियों में भय पैदा किया है, बल्कि पूरे उद्योग में भविष्य की नौकरियों के बारे में भी शंका और अनिश्चितता बढ़ा दी है.
Infosys का भरोसा: न छंटनी, न कटौती, बल्कि नई नौकरियां!
टीसीएस की बड़े पैमाने पर कटौतियों के बीच, इन्फोसिस ने जिस तरह से अपने कर्मचारियों और पूरे उद्योग के सामने अपना मजबूत स्टैंड पेश किया है, वह न केवल कर्मचारियों के लिए एक बड़ी राहत की बात है, बल्कि पूरे आईटी उद्योग के लिए एक नई और सकारात्मक राह भी दिखाता है. इन्फोसिस के सीईओ, सलील पारेख, ने साफ तौर पर कहा है कि कंपनी में निकट भविष्य में छंटनी की कोई योजना नहीं है. उन्होंने यह भी बताया कि इन्फोसिस ने वित्तीय वर्ष की पहली तिमाही में ही 17 हजार से ज़्यादा लोगों की सफलतापूर्वक भर्ती की है और अब उनका लक्ष्य पूरे साल में 20 हजार नए फ्रेश ग्रेजुएट्स को नौकरी देना है. यह नीति उन कंपनियों के लिए एक मिसाल कायम करती है जो चुनौतियों के बीच भी विकास और स्थिरता पर ध्यान केंद्रित करती हैं.
स्किल्स और AI ट्रेनिंग पर बड़ा निवेश: भविष्य के लिए तैयारी
Infosys सिर्फ नए लोगों को हायर ही नहीं कर रही है, बल्कि अपने मौजूदा और नए कर्मचारियों को भविष्य की तकनीकी चुनौतियों के लिए तैयार भी कर रही है. कंपनी ने अब तक 2.75 लाख से ज़्यादा कर्मचारियों को AI (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) में व्यापक ट्रेनिंग प्रदान की है, जिससे वे भविष्य की AI-आधारित परियोजनाओं के लिए तैयार हो सकें. AI, क्लाउड कंप्यूटिंग, और एंटरप्राइज प्लेटफॉर्म अब इन्फोसिस की कोर स्ट्रैटेजी का अभिन्न हिस्सा बन गए हैं, जो कंपनी को तकनीकी रूप से उन्नत और प्रतिस्पर्धी बनाए रखते हैं. सलील पारेख ने इस बात पर जोर दिया है कि AI और ऑटोमेशन से बेशक प्रोडक्टिविटी बढ़ रही है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि इंसानों की जरूरत खत्म हो गई है. बल्कि, वे मानते हैं कि इन प्रौद्योगिकियों के साथ मानवीय कौशल का संयोजन ही असली नवाचार और दक्षता लाता है.
AI के दौर में भी नौकरी की उम्मीद: मानव-मशीन जुगलबंदी
इन्फोसिस का स्पष्ट मानना है कि AI और ऑटोमेशन से भले ही 5-15% तक प्रोडक्टिविटी में बढ़ोतरी हुई हो, लेकिन जटिल सिस्टम्स और ग्राहक-केंद्रित समाधानों में इंसानी भूमिका हमेशा बनी रहेगी. इसका एक बेहतरीन उदाहरण इन्फोसिस का फिनेकल बैंकिंग प्लेटफॉर्म है, जहाँ ऑटोमेशन और मानव संसाधनों के बीच तालमेल (जुगलबंदी) से 20% तक प्रोडक्टिविटी में उल्लेखनीय बढ़ोतरी देखी गई है. यह दर्शाता है कि इन्फोसिस AI को एक उपकरण के रूप में देखती है जो मानव क्षमता को बढ़ाता है, न कि उसे प्रतिस्थापित करता है. यह दृष्टिकोण कर्मचारियों के बीच विश्वास पैदा करता है कि उनका भविष्य सुरक्षित है और वे नई तकनीकों के साथ मिलकर काम कर सकते हैं.
स्थिरता और रणनीति का मेल: इन्फोसिस का अनूठा मॉडल
जहां टीसीएस, विप्रो, और एचसीएल टेक जैसी कई बड़ी आईटी कंपनियां कर्मचारियों की संख्या में कटौती कर रही हैं और लागत में कमी लाने की कोशिश कर रही हैं, वहीं इन्फोसिस एक अलग और अधिक संतुलित दृष्टिकोण के साथ धीरे और समझदारी से आगे बढ़ रहा है. कंपनी का मुख्य फोकस ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर्स (GCCs) के साथ गहरे सहयोग, AI इंटीग्रेशन, और ग्राहक-विशिष्ट समाधान देने पर है. यही दूरदर्शी रणनीति कंपनी को दूसरों से अलग बनाती है और इसे बाजार में एक स्थिर और विश्वसनीय खिलाड़ी के रूप में स्थापित करती है. इन्फोसिस का यह मॉडल दिखाता है कि कैसे दीर्घकालिक योजनाएं और नवाचार संकट के समय में भी एक कंपनी को मजबूत बनाए रख सकते हैं.
IT सेक्टर में उम्मीद की किरण: भविष्य की राह
जब पूरा आईटी सेक्टर एक बड़े बदलाव और अनिश्चितता के दौर से गुजर रहा है, इन्फोसिस का यह सकारात्मक और कर्मचारी-केंद्रित रुख यह स्पष्ट बताता है कि छंटनी ही एकमात्र रास्ता नहीं है. प्रौद्योगिकी में तेजी से हो रहे बदलावों को समझना, समय रहते कर्मचारियों के स्किल्स को अपग्रेड करना, और स्थिर एवं दूरदर्शी योजनाएं बनाना न केवल कंपनियों को वर्तमान चुनौतियों से निपटने में मदद करता है, बल्कि उन्हें भविष्य की अप्रत्याशित लहरों के लिए भी तैयार करता है. इन्फोसिस का यह कदम आईटी उद्योग के लिए एक प्रेरणा है कि कैसे एक कंपनी न केवल वित्तीय लक्ष्यों को प्राप्त कर सकती है, बल्कि अपने कर्मचारियों और समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारी भी निभा सकती है.
FAQs
प्रश्न: TCS में कितनी छंटनी हुई है?
उत्तर: टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, टीसीएस ने करीब 12 हजार से ज़्यादा कर्मचारियों की छंटनी शुरू कर दी है, जो कंपनी के इतिहास की सबसे बड़ी छंटनी मानी जा रही है.
प्रश्न: इन्फोसिस ने छंटनी को लेकर क्या फैसला लिया है?
उत्तर: इन्फोसिस ने ऐलान किया है कि वह छंटनी नहीं करेगी, बल्कि इस वित्तीय वर्ष में 20 हजार से ज़्यादा नए ग्रेजुएट्स को हायर करने की योजना बना रही है.
प्रश्न: इन्फोसिस AI में क्या निवेश कर रहा है?
उत्तर: इन्फोसिस ने अब तक 2.75 लाख से ज़्यादा कर्मचारियों को AI में ट्रेनिंग दी है, और AI उनकी कोर स्ट्रैटेजी का हिस्सा है.
प्रश्न: क्या AI से नौकरियां खत्म होंगी?
उत्तर: इन्फोसिस का मानना है कि AI प्रोडक्टिविटी बढ़ाता है, लेकिन जटिल सिस्टम्स में इंसानी भूमिका बनी रहेगी, जैसा कि उनके फिनेकल बैंकिंग प्लेटफॉर्म में देखा गया है.
प्रश्न: टीसीएस ने कर्मचारियों की छंटनी क्यों की है?
उत्तर: टीसीएस के सीईओ के. कृतिवासन के अनुसार, वैश्विक आर्थिक और भू-राजनीतिक अस्थिरता की वजह से तकनीकी सेवाओं की मांग में भारी गिरावट आई है, जिसके परिणामस्वरूप कंपनी को लागत कम करने के लिए यह कठोर कदम उठाना पड़ा है.
प्रश्न: इन्फोसिस इस वित्तीय वर्ष में कितने नए लोगों को नौकरी देगा?
उत्तर: इन्फोसिस ने इस वित्तीय वर्ष में 20 हजार से ज़्यादा नए फ्रेश ग्रेजुएट्स को नौकरी देने की योजना बनाई है. कंपनी ने पहली तिमाही में ही 17 हजार से ज़्यादा लोगों की भर्ती कर ली है.
प्रश्न: इन्फोसिस अपने कर्मचारियों को AI के लिए कैसे तैयार कर रहा है?
उत्तर: इन्फोसिस ने 2.75 लाख से ज़्यादा कर्मचारियों को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) में व्यापक ट्रेनिंग दी है. कंपनी का मानना है कि AI और ऑटोमेशन से प्रोडक्टिविटी बढ़ती है, लेकिन इंसानी कौशल की जरूरत बनी रहती है.
प्रश्न: क्या AI के आने से आईटी सेक्टर में नौकरी की सुरक्षा कम हो जाएगी?
उत्तर: इन्फोसिस का मानना है कि AI और ऑटोमेशन से प्रोडक्टिविटी भले ही बढ़े, लेकिन कठिन सिस्टम्स और ग्राहक-केंद्रित समाधानों में मानवीय भूमिका महत्वपूर्ण रहेगी. उनका उदाहरण है कि AI मानव क्षमताओं को बढ़ाता है, उन्हें प्रतिस्थापित नहीं करता.
प्रश्न: इन्फोसिस अन्य आईटी कंपनियों से कैसे अलग है?
उत्तर: जहां टीसीएस, विप्रो और एचसीएल टेक जैसी कंपनियां कर्मचारियों की संख्या में कटौती कर रही हैं, इन्फोसिस ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर्स (GCCs) के साथ गहरे सहयोग, AI इंटीग्रेशन और ग्राहक-विशिष्ट समाधानों पर ध्यान केंद्रित कर रहा है, जो इसे बाजार में एक स्थिर खिलाड़ी बनाता है.
प्रश्न: क्या इन्फोसिस का यह कदम भारतीय आईटी सेक्टर के लिए क्या मायने रखता है?
उत्तर: इन्फोसिस का यह कदम भारतीय आईटी सेक्टर के लिए एक उम्मीद की किरण है. यह दर्शाता है कि छंटनी ही एकमात्र समाधान नहीं है और कंपनियां स्थिरता, कर्मचारी विकास, और नवाचार पर ध्यान केंद्रित करके भी चुनौतियों का सामना कर सकती हैं.
प्रश्न: इन्फोसिस के सीईओ सलील पारेख ने हायरिंग के बारे में क्या कहा है?
उत्तर: सलील पारेख ने स्पष्ट किया है कि कंपनी में छंटनी की कोई योजना नहीं है. उन्होंने यह भी बताया कि कंपनी ने पहली तिमाही में ही 17 हजार से ज़्यादा लोगों की भर्ती की है और अब साल भर में 20 हजार फ्रेश ग्रेजुएट्स को नौकरी देने का प्लान है.