ChatGPT Atlas AI browser Launched: AI ब्राउज़र से गूगल को लगा 13.15 लाख करोड़ का झटका

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ChatGPT Atlas: OpenAI का AI-पावर्ड वेब ब्राउजर लॉन्च, गूगल की मार्केट वैल्यू ₹13.15 लाख करोड़ घटी

OpenAI ने मंगलवार (21 अक्टूबर) को अपने नए AI-पावर्ड वेब ब्राउजर ‘ChatGPT Atlas‘ को आधिकारिक तौर पर लॉन्च किया। टेक जगत में इस बड़ी घटना के बाद, गूगल की पैरेंट कंपनी अल्फाबेट (Alphabet) के शेयरों में जबरदस्त गिरावट देखने को मिली। इस गिरावट के कारण गूगल की मार्केट वैल्यू एक ही दिन में $150 बिलियन, यानी 13.15 लाख करोड़ रुपए, से अधिक घट गई। यह लॉन्च दर्शाता है कि OpenAI अब केवल AI चैटबॉट तक सीमित नहीं है, बल्कि सीधे वेब ब्राउजिंग और सर्च मार्केट में गूगल को चुनौती दे रहा है, जिसका सीधा असर उसकी वित्तीय स्थिति पर पड़ा है।

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अल्फाबेट के शेयर ने इस दौरान 2.21% की गिरावट के साथ $251.34 पर कारोबार समाप्त किया। कारोबार के दौरान शेयर ने $244.67 का न्यूनतम स्तर (लो) भी बनाया था, जिसका अर्थ है कि दिन के उच्चतम स्तर ($255.38) से शेयर 4.19% नीचे गिरा था। वर्तमान में, कंपनी की कुल मार्केट वैल्यू 3.03 लाख करोड़ डॉलर (लगभग 265.93 लाख करोड़ रुपए) है। OpenAI ने इस ब्राउजर को पेश करने से पहले सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘X’ पर एक छह सेकंड का वीडियो साझा किया था, जिसमें ब्राउजर टैब्स को दिखाया गया। इसके ठीक बाद, CEO सैम ऑल्टमैन ने एक लाइवस्ट्रीम के दौरान ‘चैटजीपीटी एटलस’ का औपचारिक ऐलान किया था।

ChatGPT Atlas AI browser Launched

ChatGPT Atlas की ख़ासियतें और सैम ऑल्टमैन का ऐलान

सैम ऑल्टमैन ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘X’ पर एक पोस्ट शेयर करते हुए लिखा था, ‘हमारा नया AI-फर्स्ट वेब ब्राउजर ‘ChatGPT Atlas‘ अब macOS के लिए उपलब्ध है। हम यूज़र्स से उनके फीडबैक की अपेक्षा करते हैं, और यह जल्द ही अन्य प्लेटफॉर्म पर भी अवेलेबल होगा।’ ‘एटलस’ कोई साधारण ब्राउजर नहीं है; यह गूगल क्रोम की तरह ही ‘क्रोमियम टेक्नोलॉजी’ पर आधारित है, लेकिन इसकी मुख्य विशेषता यह है कि इसमें चैटजीपीटी को हर वेबपेज में गहराई से इंटीग्रेट किया गया है। इसका मतलब है कि अब आपको किसी भी सवाल का जवाब खोजने के लिए बार-बार टैब स्विच करने या जानकारी को कॉपी-पेस्ट करने की ज़रूरत नहीं होगी, जिससे ब्राउजिंग का अनुभव काफी सहज और तेज़ हो जाता है।

इसका सबसे उन्नत और खास फीचर है ‘एजेंट मोड’। इस मोड में AI आपके माउस कर्सर और कीबोर्ड को नियंत्रित करके जटिल और समय लेने वाले काम स्वयं कर सकता है। उदाहरण के लिए, यह आपके लिए फ्लाइट बुक कर सकता है, विभिन्न उत्पादों पर रिसर्च करके तुलना कर सकता है, या लंबे डॉक्यूमेंट्स को एडिट कर सकता है। यूज़र इस प्रक्रिया को बस देख सकते हैं या फिर इस काम को AI पर छोड़कर अन्य कार्य करने के लिए जा भी सकते हैं। ऑल्टमैन ने स्पष्ट किया, ‘हमारा मानना है कि AI ब्राउजर के पूरे कॉन्सेप्ट को पूरी तरह से बदल सकता है।’ एटलस के लॉन्च इवेंट के समय ऑल्टमैन के साथ वे इंजीनियर्स भी मौजूद थे, जिन्होंने पहले गूगल क्रोम और फायरफॉक्स जैसे लोकप्रिय ब्राउजर्स के निर्माण में महत्वपूर्ण योगदान दिया था।

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Atlas की उपलब्धता और गूगल पर इसका बड़ा असर

वर्तमान में, ‘एजेंट मोड’ जैसे एडवांस फीचर्स सिर्फ प्लस और प्रो सब्सक्राइबर्स के लिए ही उपलब्ध कराए गए हैं, लेकिन बेसिक ब्राउजर को फ्री यूजर्स भी आसानी से इस्तेमाल कर सकते हैं। जैसा कि सैम ऑल्टमैन ने बताया, एटलस अभी केवल macOS पर ही अवेलेबल है, और जल्द ही इसके मोबाइल और विंडोज ऑपरेटिंग सिस्टम के वर्जन भी लॉन्च किए जाएंगे। एटलस के इस लॉन्च का गूगल पर इतना गहरा असर पड़ने का मुख्य कारण उसकी कमाई का ढांचा है। गूगल की आय का एक बहुत बड़ा हिस्सा सर्च एडवरटाइजिंग (Search Advertising) से आता है।

‘एटलस’ जैसे AI-पावर्ड ब्राउजर्स और उन्नत AI सर्च इंजन, यूज़र्स को सीधे और सटीक जवाब देकर गूगल के पारंपरिक एडवरटाइजिंग-बेस्ड मॉडल को कड़ी चुनौती दे रहे हैं। OpenAI के पास पहले से ही लगभग 800 मिलियन साप्ताहिक सक्रिय ChatGPT यूजर्स का एक विशाल आधार है, जो ‘एटलस’ को आसानी से अपना सकते हैं, जिससे गूगल का यूज़र बेस प्रभावित हो सकता है। यह AI की जंग भविष्य में टेक दुनिया में बड़े बदलाव ला सकती है। अब 29 अक्टूबर को गूगल की तीसरी तिमाही की कमाई के नतीजे आने वाले हैं, और निवेशक इस पर गहरी नज़र रखेंगे कि क्या AI की यह प्रतिस्पर्धा गूगल के सर्च बिजनेस को किस हद तक प्रभावित कर रही है।

गूगल की तैयारी और भविष्य की जंग

इस नई चुनौती से निपटने के लिए, गूगल भी चुप नहीं बैठा है। उसने हाल ही में अपने लोकप्रिय ‘Chrome’ ब्राउजर में ‘Gemini AI’ को इंटीग्रेट किया है, ताकि ब्राउजिंग अनुभव को AI क्षमताओं से सशक्त बनाया जा सके। इसके अलावा, पिछले महीने गूगल एक बड़े कोर्ट केस से बाल-बाल बच गया था, जिसमें उसके ब्राउजर व्यवसाय को कंपनी से अलग करने की मांग की गई थी। ‘ChatGPT Atlas‘ और ‘गूगल क्रोम’ के बीच यह मुकाबला निश्चित रूप से टेक दुनिया में एक बड़ा टर्निंग पॉइंट साबित होगा। जहां एक तरफ OpenAI, AI के माध्यम से वेब ब्राउजिंग को और अधिक आसान, तेज़ और कुशल बनाने की कोशिश कर रहा है, वहीं गूगल अपने वर्षों से चले आ रहे मार्केट दबदबे को बनाए रखने के लिए हर संभव कदम उठा रहा है।

Detailed FAQs (अक्सर पूछे जाने वाले सवाल)

  1. ChatGPT Atlas क्या है?

    ChatGPT Atlas OpenAI द्वारा लॉन्च किया गया एक नया AI-पावर्ड वेब ब्राउज़र है, जो क्रोमियम टेक्नोलॉजी पर आधारित है और इसमें ChatGPT को हर वेबपेज में इंटीग्रेट किया गया है।

  2. ChatGPT Atlas के लॉन्च से गूगल पर क्या असर हुआ?

    इस लॉन्च के बाद गूगल की पैरेंट कंपनी अल्फाबेट के शेयरों में भारी गिरावट आई, जिससे उसकी मार्केट वैल्यू एक ही दिन में $150 बिलियन (लगभग ₹13.15 लाख करोड़) घट गई।

  3. एटलस का सबसे खास फीचर क्या है?

    इसका सबसे खास फीचर ‘एजेंट मोड’ है, जिसमें AI यूज़र के कर्सर और कीबोर्ड को कंट्रोल करके फ्लाइट बुकिंग या डॉक्यूमेंट एडिटिंग जैसे जटिल काम खुद कर सकता है।

  4. ChatGPT Atlas किन प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध है?

    फिलहाल यह ब्राउज़र सिर्फ macOS के लिए उपलब्ध है। हालांकि, सैम ऑल्टमैन ने जल्द ही इसे मोबाइल और विंडोज जैसे अन्य प्लेटफॉर्म पर भी उपलब्ध कराने की बात कही है।

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