उत्तर प्रदेश में अब चोरी-छिपे नहीं होगी शादी! योगी सरकार का नया नियम लागू — धार्मिक गवाह और वीडियो सबूत अनिवार्य | UP Marriage Rules 2025
मुख्य बिंदु
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उत्तर प्रदेश सरकार ने फर्जी विवाह पर रोक लगाने के लिए विवाह पंजीकरण नियमों में बड़ा बदलाव किया है।
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अब शादी का रजिस्ट्रेशन केवल दूल्हा-दुल्हन या उनके माता-पिता की निवास तहसील में ही संभव होगा।
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विवाह के दौरान परिवार के सदस्य या धार्मिक अधिकारी (पंडित, मौलवी, पादरी) की उपस्थिति अनिवार्य कर दी गई है।
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शादी का वीडियो सबूत बनाकर पेन ड्राइव में जमा करना अब आवश्यक होगा।
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नियम 7 जून 2025 से प्रदेशभर में प्रभाव में आ चुके हैं।
उत्तर प्रदेश में विवाह नियम क्यों बदले गए हैं?
UP Marriage Rules 2025: योगी आदित्यनाथ सरकार ने उत्तर प्रदेश में विवाह पंजीकरण को अधिक पारदर्शी और कानूनी रूप से मज़बूत बनाने की दिशा में एक अहम कदम उठाया है।
पिछले कुछ वर्षों में फर्जी शादियों, गुपचुप विवाह, और परिवार की जानकारी के बिना हुए गठबंधनों के मामलों में बढ़ोतरी देखने को मिली थी।
कई बार नाबालिग लड़कियों को बहला-फुसलाकर या दबाव में शादी करवा दी जाती थी, और फिर कानूनी वैधता के नाम पर पंजीकरण करा लिया जाता था। इन हालातों से निपटने के लिए अब विवाह को स्थानीय, पारिवारिक और प्रमाणित प्रक्रिया के तहत लाने की पहल की गई है।
अब गुपचुप विवाह करना क्यों होगा मुश्किल?
नए निर्देशों के बाद अब गुपचुप या चोरी-छिपे विवाह को कानूनी रूप से पंजीकृत कराना लगभग असंभव हो गया है।
अब:
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शादी रजिस्टर कराने के लिए या तो परिवार के किसी सदस्य की मौजूदगी जरूरी होगी,
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या फिर विवाह करवाने वाले धार्मिक अधिकारी (जैसे पंडित, मौलवी या पादरी) की उपस्थिति और पहचान अनिवार्य होगी।
अगर इनमें से कोई भी उपलब्ध नहीं है, तो विवाह का पंजीकरण स्वीकार नहीं किया जाएगा। यह नियम सीधे-सीधे उन मामलों को रोकने का काम करेगा जहाँ लोग परिवार की मर्जी के खिलाफ या फर्जी पहचान के सहारे विवाह रजिस्टर कराते थे।
शादी का वीडियो और पेन ड्राइव अनिवार्य क्यों किया गया?
उत्तर प्रदेश सरकार ने विवाह पंजीकरण के दौरान शादी के वीडियो की अनिवार्यता तय की है।
अब दंपति को अपनी शादी की पूरी वीडियो रिकॉर्डिंग करवानी होगी और उसे एक पेन ड्राइव में सुरक्षित रखकर पंजीकरण के समय प्रस्तुत करना होगा।
इस कदम का उद्देश्य यह है कि यह साबित किया जा सके कि:
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शादी दोनों पक्षों की पूर्ण सहमति से हुई है,
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उसमें धार्मिक रीति-रिवाजों का पालन किया गया है,
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और प्रक्रिया में कोई बलात्कार, धोखाधड़ी या गुप्त उद्देश्य शामिल नहीं था।
यह प्रणाली विशेष रूप से उन केसों में मददगार होगी जहाँ बाद में शादी को जबरदस्ती या फर्जी बताकर रद्द करने की कोशिश की जाती है।
इलाहाबाद हाईकोर्ट के निर्देश के बाद आया ये फैसला
उत्तर प्रदेश सरकार का यह निर्णय इलाहाबाद हाईकोर्ट की अहम टिप्पणी के बाद लिया गया है।
‘शनिदेव बनाम उत्तर प्रदेश राज्य‘ मामले की सुनवाई के दौरान कोर्ट ने स्पष्ट किया कि विवाह पंजीकरण प्रक्रिया को पारदर्शी और फुल-प्रूफ बनाना अत्यंत आवश्यक है, ताकि फर्जीवाड़ा रोका जा सके।
कोर्ट के निर्देश के बाद एआईजी स्टांप विभाग के पुष्पेंद्र कुमार ने राज्यभर में नए आदेश जारी किए हैं, जो अब सभी ज़िलों में लागू हो चुके हैं।
अब विवाह पंजीकरण कराने से पहले किन बातों का ध्यान रखें?
उत्तर प्रदेश में अगर आप अब कानूनी रूप से शादी का पंजीकरण कराना चाहते हैं, तो आपको निम्नलिखित चीज़ों की तैयारी करनी होगी:
✅ दूल्हा-दुल्हन या उनके माता-पिता की स्थायी निवास प्रमाणित तहसील में ही रजिस्ट्रेशन कराएं
✅ शादी के दौरान मौजूद रहे परिवार का सदस्य या धार्मिक गवाह (पंडित, मौलवी, पादरी)
✅ विवाह समारोह की पूरी वीडियो रिकॉर्डिंग तैयार कर उसे पेन ड्राइव में जमा करें
✅ आधार कार्ड, आयु प्रमाण पत्र, फोटो, और अन्य आवश्यक दस्तावेज़ साथ रखें
नए नियम किन लोगों को सबसे ज़्यादा प्रभावित करेंगे?
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नाबालिग प्रेमी जोड़े जो चोरी-छिपे शादी करना चाहते हैं
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अंतर-धार्मिक या अंतर-जातीय विवाह करने वाले जो सामाजिक विरोध से बचना चाहते हैं
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फर्जी पहचान के ज़रिए विवाह कराने वाले ठग
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परिवार की मर्जी के खिलाफ जाकर शादी करने वाले युवक-युवतियां
अब इन सभी को कानूनी वैधता पाने के लिए पारदर्शी प्रक्रिया का पालन करना होगा।
क्या यह कदम समाज के लिए फायदेमंद साबित होगा?
बिलकुल।
नए नियम से न केवल विवाह की वैधता मजबूत होगी, बल्कि:
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समाज में जागरूकता आएगी
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नारी सुरक्षा को लेकर गंभीर संदेश जाएगा
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परिवार की भागीदारी सुनिश्चित होगी
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और कोर्ट-कचहरी के झमेलों से बचा जा सकेगा
यह पहल आने वाले समय में भारत के अन्य राज्यों के लिए भी मॉडल बन सकती है।
FAQs
Q1. क्या अब शादी का रजिस्ट्रेशन बिना गवाह के नहीं हो सकता?
नहीं, अब या तो परिवार का सदस्य या धार्मिक गवाह (पंडित, मौलवी, पादरी) की मौजूदगी अनिवार्य है।
Q2. शादी का वीडियो देना क्यों जरूरी है?
यह वीडियो शादी की प्रामाणिकता और दोनों पक्षों की सहमति का सबूत होता है।
Q3. रजिस्ट्रेशन के लिए कौन-से दस्तावेज़ चाहिए?
आधार कार्ड, उम्र प्रमाणपत्र, फोटो, गवाहों की जानकारी, और शादी का वीडियो पेन ड्राइव में।
Q4. शादी कहाँ रजिस्टर होगी?
अब रजिस्ट्रेशन केवल उस तहसील में होगा जहाँ दूल्हा-दुल्हन या उनके माता-पिता रहते हैं।
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