बलात्कार के आरोपों में फंसे Ajaz Khan, गिरफ्तारी की आशंका के बीच हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया
एजाज की ओर से वकील अशोक सरावगी द्वारा दायर याचिका में कहा गया है, “यह एफआईआर कानून के अनुसार गलत और अवैध है, और किसी भी तरह से एजाज की पुलिस हिरासत की जरूरत नहीं है। इसलिए उन्हें अग्रिम जमानत मिलनी चाहिए।”
अभिनेता एजाज खान ने बॉम्बे हाईकोर्ट में अग्रिम जमानत के लिए अर्जी दाखिल की है। यह अर्जी मुंबई के चारकोप पुलिस स्टेशन में दर्ज बलात्कार के मामले के संबंध में है। एक महिला ने एजाज पर शादी का झांसा देकर और अपने शो ‘हाउस अरेस्ट’ में रोल दिलाने का वादा करके बलात्कार करने का आरोप लगाया है।
अग्रिम जमानत याचिका
एजाज की ओर से वकील अशोक सरावगी द्वारा दायर याचिका में कहा गया है, “यह एफआईआर कानून के अनुसार गलत और अवैध है, और किसी भी तरह से एजाज की पुलिस हिरासत की जरूरत नहीं है। इसलिए उन्हें अग्रिम जमानत मिलनी चाहिए।” महिला की शिकायत के अनुसार, एजाज ने उसे अपने शो में होस्ट की भूमिका देने के लिए बुलाया था। शूटिंग के दौरान उसने पहले शादी का प्रस्ताव रखा, फिर बाद में उसके घर गया और वहां कथित तौर पर उसके साथ बलात्कार किया।
अभिनेत्री ने लगाए आरोप
पेशे से अभिनेत्री शिकायतकर्ता का कहना है कि 40 वर्षीय एजाज ने सेलिब्रिटी और शो होस्ट होने का फायदा उठाकर उसके साथ संबंध बनाए। एफआईआर में यह भी आरोप लगाया गया है कि शादी, आर्थिक मदद और करियर में तरक्की के झूठे वादों के बहाने एजाज ने उसकी सहमति और अनुमति के बिना कई बार उसके साथ जबरदस्ती यौन संबंध बनाए।
शिकायत में साफ तौर पर कहा गया है कि 4 अप्रैल 2025 को दोपहर करीब 2:15 बजे एजाज ने उसे जोगेश्वरी (पश्चिम) स्थित अपने घर बुलाया और वहां उसका यौन शोषण किया। फिर 24 अप्रैल 2025 को दोपहर करीब 3:15 बजे वह पीड़िता के घर आया और शादी का वादा करके फिर से वही किया। महिला की शिकायत के बाद पुलिस ने एजाज के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है।
एक अर्जी खारिज हो चुकी है
इससे पहले डिंडोशी सेशन कोर्ट ने एजाज की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी थी। उसके वकील ने कोर्ट को बताया था कि पीड़िता जानती थी कि एजाज पहले से शादीशुदा है और दोनों के बीच संबंध सहमति से बने थे।
हालांकि, कोर्ट ने माना कि पीड़िता वयस्क है लेकिन कानून के मुताबिक जरूरी सहमति पूरी तरह से स्पष्ट और स्वेच्छा से नहीं दी गई लगती है। जांच एजेंसी ने यह भी कहा कि आरोपी का आपराधिक रिकॉर्ड है और सबूत (जैसे मेडिकल जांच, मोबाइल, वॉट्सऐप चैट, कॉल रिकॉर्डिंग, वॉयस सैंपल आदि) जुटाने के लिए पुलिस हिरासत जरूरी है। अगर अग्रिम जमानत दी जाती है तो आरोपी द्वारा सबूतों से छेड़छाड़ या गवाहों को प्रभावित करने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता।
एजाज खान उर्फ एजाज शफी मोहम्मद गुलीवाला की याचिका पर अगले हफ्ते बॉम्बे हाईकोर्ट में सुनवाई होगी।
News Source: Aajtak