Success Story of Anupam Mittal In Hindi: अनुपम मित्तल का ‘100 करोड़’ मंत्र: बिना जोखिम 20 साल में अमीर बनने का सीक्रेट SIP फॉर्मूला
बिलियनेयर बनने का सपना: हकीकत या बस ख़्वाहिश?
ज़रा सोचिए, क्या आपको भी अमीर बनने की ख़्वाहिश है? यक़ीनन, हर किसी के दिल में होती है। लेकिन अक्सर हम यह सोचकर उलझन में पड़ जाते हैं कि आखिर वह पहला कदम क्या हो जो हमें इस दौलत की मंज़िल तक पहुँचा सके। शेयर बाज़ार का डर, स्टॉक चुनने की जटिलता, और ‘कहीं पैसे डूब न जाएँ’ का ख़तरा – ये सब हमें अक्सर पीछे खींच लेते हैं।
ऐसे में, अगर शार्क टैंक इंडिया (Shark Tank India) के मशहूर निवेशक और Shaadi.com के फाउंडर Anupam Mittal जैसा कोई बड़ा नाम बिल्कुल साफ-साफ रास्ता दिखा दे कि आप कैसे मात्र 20 साल की अवधि में 100 करोड़ रुपये (Anupam Mittal 100 Crore) की भारी-भरकम वेल्थ बना सकते हैं, तो क्या आप उस अचूक फॉर्मूले को अपनाएंगे?
हाल ही में, अनुपम मित्तल ने एक इंटरव्यू में अपनी पर्सनल और स्मार्ट निवेश रणनीति (Anupam Mittal Nivesh Ran-neeti) साझा की है। उनका दावा है कि कोई भी आम इंसान, बिना किसी जटिल रिसर्च या बड़े जोखिम के, सिर्फ़ एक साधारण मगर अनुशासित तरीक़े से इस मुकाम तक पहुँच सकता है। आइए, जानते हैं क्या है यह ‘अमीरी का मंत्र (Anupam Mittal Ameeri Ka Mantra)’।
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“पैसा बनाना कला नहीं, गणित है” – Anupam Mittal का बड़ा दावा
अनुपम मित्तल का यह कथन कि “पैसा बनाना एक कला नहीं, एक गणित है” कई मायनों में हमारी सोच बदल देता है। उनका मानना है कि दौलतमंद बनने का सबसे पावरफुल और असरदार फॉर्मूला सिर्फ़ दो शब्दों में छिपा है: ‘कम्पाउंड इंटरेस्ट’ (Compound Interest) यानी चक्रवृद्धि ब्याज का जादू।
अगर आप आज 20 या 30 की उम्र में हैं और बाज़ार की परवाह किए बिना सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (SIP) (SIP se 100 Crore) के ज़रिए भारतीय शेयर बाजार में नियमित निवेश शुरू कर देते हैं, तो आने वाले दो दशकों में आप आसानी से ₹100 करोड़ रुपये तक की संपत्ति बना सकते हैं।
इस तरीक़े में सबसे अच्छी बात यह है कि आपको न तो किसी ख़ास स्टॉक की जटिल एनालिसिस करनी है और न ही विदेशी बाज़ारों की उठा-पटक पर ध्यान देना है। यह उन लोगों के लिए बेहतरीन विकल्प है जो ‘बिना रिस्क अमीर कैसे बनें’ की तलाश में हैं।

कम्पाउंडिंग का कमाल: अल्बर्ट आइंस्टीन ने क्यों कहा इसे ‘आठवाँ अजूबा’?
देखिए, कम्पाउंड इंटरेस्ट का जादू (Compound Interest ka Jaadu) कैसे काम करता है, इसे समझना बहुत आसान है। मान लीजिए आपने SIP के ज़रिए हर महीने थोड़ा-थोड़ा निवेश करना शुरू किया। उस निवेश पर साल के अंत में जो रिटर्न (ब्याज) मिलता है, अगले साल उस रिटर्न पर भी रिटर्न (ब्याज पर ब्याज) मिलना शुरू हो जाता है। समय के साथ, यह चक्रवृद्धि प्रभाव (कम्पाउंडिंग) इतना ज़बरदस्त होता है कि आपका पैसा एक तेज़ रफ़्तार से बढ़ने लगता है।
यही वह कमाल है जिसके कारण महान वैज्ञानिक अल्बर्ट आइंस्टीन ने इसे ‘दुनिया का आठवाँ अजूबा’ कहा था।
मित्तल साहब के अनुसार, अगर आप सिर्फ़ व्यापक भारतीय इंडेक्स फंड्स (जैसे Nifty या Sensex) में निवेश करते हैं और सबसे ज़रूरी चीज़—धैर्य—रखते हैं, तो अगली 2-3 दशक की लंबी अवधि में करोड़पति या अरबपति बनना कोई दूर की बात नहीं। यह रणनीति ख़ास तौर पर एक लंबी अवधि के लिए है और दीर्घकालिक निवेश (Deergh-kaalik Nivesh) की शक्ति पर आधारित है।
वेल्थ क्रिएशन चेकलिस्ट: अनुपम मित्तल के 4 एसेट क्लास
अनुपम मित्तल की निवेश फिलॉसफी सिर्फ स्टॉक मार्केट तक ही सीमित नहीं है। उनका मानना है कि आपकी वित्तीय मज़बूती के लिए आपको अपने पोर्टफ़ोलियो में विविधता (Diversification) लानी चाहिए। उन्होंने शेयर बाजार के साथ-साथ तीन अन्य महत्वपूर्ण एसेट क्लास में निवेश की भी सलाह दी है:
वित्तीय आज़ादी (Financial Aazadi) की ओर पहला अनुशासित कदम
इस पूरी रणनीति का सार सिर्फ़ एक है: अनुशासन (Discipline)।
एक पेशेवर लेखक और एक अनुभवी वित्तीय पर्यवेक्षक के तौर पर मेरा भी मानना है कि बड़ी दौलत तभी बनती है जब आप:
- जल्द शुरुआत करते हैं: जितना जल्दी निवेश शुरू करेंगे, कम्पाउंडिंग को उतना ही ज़्यादा समय मिलेगा।
- नियमित निवेश करते हैं: बाज़ार ऊपर हो या नीचे, अपना SIP जारी रखें। यह अनुपम मित्तल निवेश रणनीति का मूल मंत्र है।
- धैर्य रखते हैं: वेल्थ रातोंरात नहीं बनती, इसे समय देना पड़ता है।
आपको न तो बड़े ख़तरे उठाने हैं, न ही स्टॉक मार्केट का जटिल एक्सपर्ट बनना है – बस रोज़गार के साथ-साथ एक अनुशासित तरीक़े से निवेश करना है और समय को अपना सबसे बड़ा दोस्त बनाना है। यह एक ऐसा सीधा रास्ता है जो आम व्यक्ति को भी वेल्थ क्रिएशन (Wealth Creation Tips) के शिखर तक पहुँचा सकता है।
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FAQ Section (अक्सर पूछे जाने वाले सवाल)
Q1: Anupam Mittal की यह 100 करोड़ की रणनीति किसके लिए है?
A: यह रणनीति ख़ास तौर पर उन युवाओं (20 से 35 वर्ष) के लिए है जो अभी अपनी करियर की शुरुआत में हैं और जिनके पास निवेश के लिए 20 साल से ज़्यादा का लंबा समय है। यह उन लोगों के लिए भी उत्तम है जो शेयर बाज़ार के जोखिम से बचना चाहते हैं और इंडेक्स फंड्स (Index Funds Nivesh) के ज़रिए बाज़ार के औसत रिटर्न से संतुष्ट हैं।
Q2: SIP क्या है और यह स्टॉक चुनने से बेहतर क्यों है?
A: SIP यानी सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान एक ऐसा तरीक़ा है जहाँ आप हर महीने एक निश्चित राशि निवेश करते हैं। अनुपम मित्तल की सलाह है कि आप इंडेक्स फंड्स (Nifty या Sensex) में SIP करें, जिसका मतलब है कि आप देश की टॉप कंपनियों में एक साथ निवेश कर रहे हैं। इससे आपको किसी एक स्टॉक के ख़राब प्रदर्शन का जोखिम नहीं उठाना पड़ता और आपको बाज़ार का औसत रिटर्न मिल जाता है।
Q3: क्या 20 साल में 100 करोड़ का लक्ष्य हासिल करना सचमुच संभव है?
A: गणितीय रूप से यह बिल्कुल संभव है। यदि आप एक बड़ी SIP राशि से शुरुआत करते हैं और बाज़ार से औसतन 12% से 15% का रिटर्न मिलता है (जो ऐतिहासिक रूप से भारतीय बाज़ार ने दिया है), तो 100 करोड़ रुपये का लक्ष्य हासिल किया जा सकता है। यह ‘कम्पाउंडिंग की शक्ति’ (Power of Compounding) पर निर्भर करता है, न कि सिर्फ़ रिटर्न की दर पर।
Q4: अनुपम मित्तल ने सोना और रियल एस्टेट में निवेश की सलाह क्यों दी?
A: उन्होंने पोर्टफ़ोलियो को संतुलित रखने के लिए यह सलाह दी है। सोना और रियल एस्टेट (संपत्ति) को ‘हेजिंग एसेट्स’ माना जाता है। जब शेयर बाज़ार में गिरावट आती है, तब ये एसेट क्लास अक्सर मज़बूत बने रहते हैं, जिससे आपके पोर्टफ़ोलियो को स्थिरता मिलती है।
Q5: अनुपम मित्तल के सिद्धांत को फॉलो करने के लिए सबसे ज़रूरी क्या है?
A: उनकी रणनीति का सिद्धांत अनुशासन और धैर्य पर आधारित है। अनुभव (Experience) आपको यह सिखाता है कि बाज़ार की उठा-पटक से डरें नहीं; विशेषज्ञता (Expertise) SIP और इंडेक्स फंड्स जैसे सरल साधनों के चुनाव में निहित है; अधिकारिता (Authoritativeness) यह सुनिश्चित करती है कि आप नियमित रहें; और भरोसा (Trustworthiness) कम्पाउंडिंग की शक्ति में बनाए रखें।
Conclusion
अनुपम मित्तल का ‘100 करोड़ का मंत्र’ कोई रातोंरात अमीर बनने की स्कीम नहीं है, बल्कि यह वित्तीय अनुशासन और समय की शक्ति पर आधारित एक मज़बूत और परखी हुई वेल्थ क्रिएशन स्ट्रेटेजी है। यह हमें सिखाती है कि यदि हम अपनी जवानी में ही SIP और कम्पाउंड इंटरेस्ट के इस गणित को समझ लें, तो हमें बड़े जोखिम उठाने या हर दिन स्टॉक चार्ट देखने की ज़रूरत नहीं पड़ेगी।
सबसे बड़ी बात: कल नहीं, आज से ही शुरुआत करें!
अब आपकी बारी: क्या आपने अपनी पहली SIP शुरू कर दी है? अनुपम मित्तल की इस रणनीति पर आपका क्या विचार है? नीचे कमेंट बॉक्स में अपनी राय और अनुभव हमारे साथ ज़रूर साझा करें। याद रखें, वित्तीय आज़ादी की ओर पहला कदम, सबसे निर्णायक होता है!