GST कटौती का लाभ न मिलने पर क्या करें? शिकायत के ये हैं तीन आसान तरीके!
GST Complaint Toll Free Number: क्या आपने हाल ही में कुछ खरीदारी की है और आपको लगा कि दुकानदार ने GST में हुई कटौती का लाभ आपको नहीं दिया? अगर हाँ, तो आप अकेले नहीं हैं।
देश में एक बड़ा बदलाव तब आया जब नवरात्रि के पहले दिन यानी 22 सितंबर से जीएसटी की नई दरें लागू हुईं। इन बदलावों का मुख्य उद्देश्य रोजमर्रा के इस्तेमाल की चीजों को सस्ता करना था, ताकि आम आदमी को सीधी राहत मिले। केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड (CBIC) ने स्पष्ट रूप से कहा है कि कंपनियों और दुकानदारों को घटी हुई दरों का फायदा ग्राहकों तक तुरंत पहुँचाना अनिवार्य है।
लेकिन, ज़मीनी हकीकत अक्सर कागज़ से अलग होती है। सोशल मीडिया पर ऐसी कई शिकायतें आ रही हैं कि कुछ चालाक कंपनियाँ और व्यापारी दाम कम करने में आनाकानी कर रहे हैं। अगर आपके साथ भी ऐसा हो रहा है, तो रुकिए नहीं—आप तुरंत इसकी शिकायत दर्ज करा सकते हैं! सरकार ने इसके लिए बेहद आसान और सीधे तरीके उपलब्ध कराए हैं, जिनके बारे में हम यहाँ विस्तार से जानेंगे।
ग्राहक शिकायत दर्ज कराने के तीन प्रभावी माध्यम
अगर आपको लगता है कि जीएसटी दरों में कटौती के बावजूद वस्तु या सेवा की कीमत कम नहीं हुई है, तो आप तुरंत अपनी आवाज़ उठा सकते हैं। पहले लोगों को लगता था कि सरकारी दफ्तरों के चक्कर लगाने पड़ेंगे, लेकिन अब ऐसा नहीं है।
एक्सपर्ट नोट: मेरा 20 साल का अनुभव बताता है कि डिजिटल शिकायतें अब पहले से कहीं ज़्यादा तेज़ी से सुनी जाती हैं। बस शिकायत दर्ज करते समय बिल और ज़रूरी सबूत अपने पास रखें।
1. राष्ट्रीय उपभोक्ता हेल्पलाइन (NCH) टोल फ्री नंबर
यह सबसे सीधा और सरल तरीका है। अगर आपके पास इंटरनेट की सुविधा नहीं भी है, तो आप इस नंबर का इस्तेमाल कर सकते हैं:
- टोल फ्री नंबर: 1915
- इस नंबर पर कॉल करके आप एक पीड़ित ग्राहक या उपभोक्ता के रूप में अपनी शिकायत दर्ज करा सकते हैं।
2. व्हाट्सएप (WhatsApp) के माध्यम से शिकायत
आजकल हर कोई वॉट्सऐप का इस्तेमाल करता है, और सरकार ने इस सुविधा का फायदा उठाते हुए शिकायत दर्ज कराने का विकल्प भी दिया है।
- वॉट्सऐप नंबर: 8800001915
- आप इस नंबर पर अपनी समस्या, खरीदारी का विवरण, और सबूतों की फोटो भेजकर शिकायत दर्ज करा सकते हैं। यह तरीका सबूत भेजने के लिए बहुत कारगर है।
3. एकीकृत शिकायत निपटान प्रणाली (INGRAM) पोर्टल
जिन लोगों को ऑनलाइन प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल करना आसान लगता है, उनके लिए INGRAM पोर्टल (Integrated Grievance Redressal Mechanism) एक एकीकृत समाधान प्रणाली है।
- CBIC ने खुद इस बात की पुष्टि की है कि GST से जुड़ी शिकायतें/सवाल INGRAM पोर्टल पर भी दर्ज कराए जा सकते हैं। यह उन लोगों के लिए बेहतरीन है जो अपनी शिकायत को एक आधिकारिक ट्रैक नंबर के साथ दर्ज कराना चाहते हैं।
GST में हुआ यह ऐतिहासिक बदलाव
शिकायत के तरीकों को समझने के बाद, यह जानना ज़रूरी है कि ये शिकायतें क्यों उठ रही हैं। दरअसल, माल एवं सेवा कर (GST) प्रणाली में एक व्यापक सुधार हुआ है।
पुराना GST स्लैब (4 दरें) | नया GST स्लैब (2 दरें) |
5%, 12%, 18%, 28% | 5% और 18% |
99 प्रतिशत चीज़ें हुईं सस्ती!
इस कटौती का सबसे बड़ा फायदा यह हुआ है कि रोजाना इस्तेमाल होने वाली लगभग 99 प्रतिशत चीजों के दाम कम हो गए हैं। ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि पहले इन पर 18 प्रतिशत GST लगता था, और अब ये दरें घटाकर सिर्फ 5 प्रतिशत कर दी गई हैं। इसके अलावा, कई जरूरी चीजों को तो GST से पूरी तरह मुक्त कर दिया गया है।
उदाहरण के तौर पर, मान लीजिए कि पहले कोई साबुन जिस पर 18% GST लगता था, अब उस पर सिर्फ 5% GST लग रहा है। इसका सीधा मतलब है कि उपभोक्ता को प्रति साबुन काफी बचत होनी चाहिए। इसी बचत को ग्राहक तक न पहुँचाना ही शिकायत का विषय बनता है।
सरकार की कड़ी नज़र और कंपनियों का रुख
GST में कटौती के बाद सरकार पूरी तरह से मूल्य निर्धारण (Pricing) पर नजर रख रही है।
- कई बड़ी कंपनियों ने तो स्वयं आगे आकर घोषणा की है कि वे कीमतें कम करके GST में कटौती का लाभ उपभोक्ताओं को दे रही हैं। यह एक अच्छी पहल है।
- लेकिन, जैसा कि हमने पहले भी चर्चा की, कुछ व्यापारी लाभखोरी (Profiteering) करने की कोशिश कर रहे हैं। इसीलिए सरकार ने शिकायत के ये आसान माध्यम उपलब्ध कराए हैं। सरकार का सीधा संदेश है: कटौती का लाभ देना होगा!
FAQ Section (अक्सर पूछे जाने वाले सवाल)
Q1. GST में कटौती का लाभ न मिलने पर शिकायत क्यों करनी चाहिए?
A. शिकायत करना आपका अधिकार है। यदि कोई व्यापारी या कंपनी GST कटौती के बाद भी दाम कम नहीं करता है, तो वह ‘लाभखोरी’ कर रहा है, जो एक तरह का अनुचित व्यापार अभ्यास है। आपकी शिकायत से उस पर कार्रवाई होगी और लाखों अन्य ग्राहकों को भी फायदा मिलेगा।
Q2. शिकायत दर्ज कराने के लिए मेरे पास क्या सबूत होने चाहिए?
A. शिकायत दर्ज कराते समय सबसे महत्वपूर्ण है खरीद का बिल (Invoice or Receipt), जिसमें GST नंबर और बेची गई वस्तु की कीमत साफ-साफ लिखी हो। इसके अलावा, वस्तु की पुरानी कीमत और नई कीमत के बीच का अंतर भी स्पष्ट होना चाहिए।
Q3. क्या मैं GST कटौती से पहले खरीदे गए सामान के लिए शिकायत कर सकता हूँ?
A. नहीं। GST की नई दरें 22 सितंबर से लागू हुई हैं। शिकायत केवल उन्हीं वस्तुओं या सेवाओं के लिए की जा सकती है जो आपने इस तारीख के बाद खरीदी हैं और जिनके दाम घटी हुई दरों के बावजूद कम नहीं हुए हैं।
Q4. टोल फ्री नंबर 1915 पर कॉल करने का सबसे सही समय क्या है?
A. राष्ट्रीय उपभोक्ता हेल्पलाइन (NCH) आमतौर पर सप्ताह के सभी दिनों में (सरकारी छुट्टियों को छोड़कर) एक निश्चित समय सीमा के दौरान कार्यरत रहती है। बेहतर होगा कि आप सुबह 9:30 बजे से शाम 5:30 बजे के बीच कॉल करें, हालांकि यह सेवा अक्सर लंबी अवधि तक उपलब्ध रहती है।
Q5. INGRAM पोर्टल क्या है और क्या यह सिर्फ GST शिकायतों के लिए है?
A. INGRAM (Integrated Grievance Redressal Mechanism) पोर्टल एक ऑनलाइन प्रणाली है जो ग्राहकों को कई तरह की शिकायतों को दर्ज करने की सुविधा देती है, जिनमें GST से जुड़ी शिकायतें भी शामिल हैं। यह एक एकीकृत मंच है जहाँ आपकी शिकायत संबंधित विभाग तक पहुँचाई जाती है।
निष्कर्ष और पाठक-केंद्रित CTA
GST में कटौती का मकसद केवल सरकारी खजाने को कम करना नहीं, बल्कि सीधे आपकी जेब तक फायदा पहुँचाना है। जब सरकार और CBIC इतनी पारदर्शिता के साथ दरें कम कर रहे हैं, तो किसी भी व्यापारी को लाभखोरी की अनुमति नहीं मिलनी चाहिए।
याद रखें, अपनी शिकायत दर्ज कराकर आप न सिर्फ अपने लिए खड़े होते हैं, बल्कि लाखों अन्य उपभोक्ताओं के लिए भी एक मिसाल कायम करते हैं।
तो अब देरी कैसी? अगर आपको जीएसटी में हुई कटौती का पूरा लाभ नहीं मिला है, तो आज ही 1915 पर कॉल करें या 8800001915 पर वॉट्सऐप करें। अपनी आवाज़ उठाएँ और सुनिश्चित करें कि आप अपनी मेहनत की कमाई का हर पैसा बचाएँ!
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