GST छूट का लाभ न मिले तो करें 1915 नंबर पर शिकायत | पक्का बिल रखें साथ
GST छूट का लाभ न दे कारोबारी तो करें 1915 नंबर पर शिकायत, सुबूत के तौर पर पक्का बिल जरूर साथ रखें
नवरात्र और GST की नई दरें लागू होने से व्यापार की अच्छी शुरुआत हुई है। राज्यकर विभाग ने ग्राहकों से पक्का बिल लेने का आग्रह किया है ताकि गड़बड़ी करने वालों पर सख्त कार्रवाई हो सके। जीएसटी की दरें कम होने से व्यापारियों को भी फायदा होगा। सामान सस्ता होने से बिक्री बढ़ने पर बाजार में मांग बढ़ेगी और अंततः अर्थव्यवस्था में भी सुधार होगा। ग्राहकों को अपने अधिकारों के प्रति जागरूक रहना चाहिए और किसी भी तरह की गड़बड़ी की स्थिति में तुरंत विभाग से संपर्क करना चाहिए।
मुकेश चंद्र श्रीवास्तव, वाराणसी। नवरात्र और जीएसटी की नई दरें लागू होने के पहले दिन, सोमवार को व्यापार में बेहतरीन शुरुआत देखने को मिली। इस अवसर पर व्यापारियों, ग्राहकों और विभाग के सामने कई नई चुनौतियां भी सामने आईं। राज्यकर विभाग ने सभी से अपील की है कि जब भी वे कोई सामान खरीदें, तो दुकानदार से पक्का बिल अवश्य लें। पक्का बिल होने पर गड़बड़ी करने वाले दुकानदारों के खिलाफ प्रभावी कार्रवाई की जा सकती है। शिकायत के लिए आप नीचे दिए गए नंबरों और ईमेल पर भी संपर्क कर सकते हैं:
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यहाँ करें शिकायत:
फोन नंबर: 0124-4688999
ई-मेल आईडी: helpdesk@gst.gov.in
टोल फ्री नंबर: 1915
GST की घटी दरों से व्यापारियों और ग्राहकों को फायदा
जीएसटी की घटी दरों पर सामान बेचने से दुकानदारों को भी सीधा लाभ होगा। जब सामान सस्ता होगा, तो बिक्री में स्वाभाविक रूप से वृद्धि होगी, जिससे बाजार में मांग बढ़ेगी और उद्योगों को भी इसका लाभ मिलेगा। इससे देश की अर्थव्यवस्था में भी सुधार होगा। सरकार ने इसी उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए यह निर्णय लिया है। उम्मीद है कि इस फैसले के परिणामस्वरूप जीडीपी में 0.6 प्रतिशत की वृद्धि होगी। राज्यकर विभाग के संयुक्त आयुक्त रविंद्र कुमार द्विवेदी और उप आयुक्त हरिश्चंद्र मौर्या ने दैनिक जागरण कार्यालय में आयोजित एक विमर्श में यह जानकारी दी। उन्होंने स्पष्ट किया कि यदि कोई दुकानदार बिल देने पर सामान को महंगा होने की बात करता है, तो ग्राहकों को इसकी तुरंत शिकायत करनी चाहिए, ताकि उस पर सख्त कार्रवाई की जा सके।
सरकार ने ग्राहकों और व्यापारियों की सुविधा के लिए एक टोल फ्री नंबर, ई-मेल आईडी और कई ऐप भी जारी किए हैं। शिकायत मिलने पर त्वरित कार्रवाई की जाएगी। विभाग की टीम भी इस पर गुप्त रूप से नजर बनाए हुए है। इस अवसर पर, द्विवेदी ने कहा कि जीएसटी की नई दरों का लाभ उठाने के लिए सभी व्यापारियों को पूरी पारदर्शिता से काम करना चाहिए। उन्होंने यह भी बताया कि विभाग ने व्यापारियों को जागरूक करने के लिए कई कार्यक्रम आयोजित किए हैं। हरिश्चंद्र मौर्या ने कहा कि ग्राहकों को अपने अधिकारों के प्रति जागरूक रहना चाहिए और किसी भी प्रकार की गड़बड़ी की स्थिति में तुरंत विभाग से संपर्क करना चाहिए। इस प्रकार, नवरात्र और जीएसटी की नई दरों के साथ व्यापारियों और ग्राहकों के लिए एक नई उम्मीद की किरण जगी है। सभी को मिलकर इस अवसर का लाभ उठाना चाहिए और पारदर्शिता के साथ व्यापार करना चाहिए। यह निर्णय न केवल व्यापारियों के लिए, बल्कि ग्राहकों के लिए भी लाभकारी सिद्ध होगा।
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लोगों की आर्थिक स्थिति में सुधार और बिजनेस फ्रेंडली है GST-2.0
द्विवेदी ने बताया कि जीएसटी दरों में कटौती का सकारात्मक असर बाजार में अभी से दिखने लगा है। सबसे अधिक उत्साह ऑटोमोबाइल्स और इलेक्ट्रॉनिक्स सेक्टर में है। रोजमर्रा की लगभग 300 प्रमुख वस्तुओं की दरें घटी हैं। इसका सीधा लाभ आम लोगों को भी मिलेगा। उन्होंने कहा कि नवरात्र के पहले दिन अक्सर लोग पूजा-पाठ करते हैं, इसलिए एक-दो दिन बाद बाजार में और अधिक उत्साह बढ़ेगा। यदि दुकानदार सरकार द्वारा दी गई छूट पर बिक्री करता है, तो उसका कारोबार तेजी से बढ़ेगा क्योंकि कम रेट पर सामान मिलने से कम पूंजी वाले लोग भी खरीदारी के लिए आगे आएंगे। इससे अर्थव्यवस्था को भी बढ़ावा मिलेगा। यह एक ऐसी व्यवस्था है जिससे सभी को फायदा है।
दो स्लैब होने के कारण व्यापारियों को टैक्स भरने और बिल बनाने में भी सहूलियत मिलेगी। जीएसटी-2.0 लोगों की आर्थिक स्थिति में सुधार लाने वाला है और यह बिजनेस फ्रेंडली भी है। इससे व्यापारी को कोई नुकसान नहीं है, बल्कि उनका व्यापार और बढ़ेगा। पहले के 28 प्रतिशत जीएसटी वाले लगभग 90 प्रतिशत सामग्रियों को अब 18 प्रतिशत वाले GST स्लैब में ला दिया गया है। वहीं, 12 प्रतिशत जीएसटी स्लैब के लगभग 99 प्रतिशत सामग्रियों को पाँच प्रतिशत में ला दिया गया है। 2017 में महज 66 लाख ही व्यापारी टैक्स दे रहे थे, जो अब बढ़कर 1.51 करोड़ हो गए हैं। वहीं, 2017 या उससे पहले प्रति माह मात्र 82 हजार करोड़ का ही टैक्स कलेक्शन होता था। अब यह बढ़कर प्रति माह दो लाख करोड़ हो गया है। ऐसे में आने वाले समय में देश की सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में भी ग्रोथ होगा।
शिकायत और हेल्प लाइन नंबर
यदि कोई बिल दे रहा है और उसमें टैक्स का जिक्र नहीं करता है, तो इसकी शिकायत की जा सकती है। यही नहीं, अगर कोई अधिक टैक्स वसूलता है, तो ऐसी स्थिति में संबंधित व्यापारी पर कार्रवाई का प्रावधान है। इस योजना का लाभ आम लोगों को मिले, इसके लिए विभाग की ओर से व्यापारियों के साथ लगातार बैठकें की जा रही हैं। साथ ही, विभाग की टीम भी बाजार में निगरानी कर रही है।
GST आवश्यक हेल्पलाइन नंबर:
- जीएसटी फीडबैक एंड एक्शन रूम:
- ई-मेल: gst.actionroom@gov.in
- टोल फ्री नंबर: 1915
- फोन: 011-23094160/61/62, 011-23094168/69
- एक्स (ट्विटर): @askGST_GOI
- जीएसटीएन हेल्प डेस्क:
- ई-मेल: helpdesk@gst.gov.in
- फोन नंबर: 0124-4688999
- सीबीईसी मित्र हेल्प डेस्क:
- ई-मेल: cbecmitra.helpdesk@icegate.gov.in
- फोन नंबर: 1800-1200-232
- जीएसटी काउंसिल:
- ई-मेल: contact.gstcouncil@gov.in
- फोन: 011-23762656
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQs)
प्रश्न: अगर कोई दुकानदार GST की घटी हुई दरों का फायदा ग्राहकों को नहीं दे रहा, तो क्या करें?
उत्तर: अगर कोई दुकानदार GST की घटी हुई दरों का फायदा ग्राहकों को नहीं दे रहा है, तो आप 1915 नंबर पर शिकायत कर सकते हैं। शिकायत करते समय पक्का बिल सबूत के तौर पर अपने पास रखें।
प्रश्न: GST में कमी का फायदा व्यापारियों को कैसे मिलता है?
उत्तर: GST में कमी होने से सामान सस्ता हो जाता है, जिससे बिक्री बढ़ती है। इससे बाजार में मांग बढ़ती है और व्यापारियों को अधिक लाभ होता है।
प्रश्न: क्या GST दरों में बदलाव से भारतीय अर्थव्यवस्था पर असर पड़ता है?
उत्तर: हाँ, GST दरों में कमी से बाजार में मांग बढ़ती है, जिससे उद्योग और व्यापार को बढ़ावा मिलता है। इससे देश की अर्थव्यवस्था में सुधार आता है और जीडीपी में भी वृद्धि होती है।