Jaipur Cancer Report: जयपुर में कैंसर का कहर: सांगानेर में महिलाएं सबसे ज्यादा प्रभावित, क्या जहरीली सब्जियां हैं वजह?
Jaipur News: जयपुर के एक निजी कैंसर अस्पताल की रिपोर्ट ने चौंकाने वाले खुलासे किए हैं, जिनसे पता चला है कि जयपुर कैंसर के मामलों में सबसे अधिक प्रभावित शहरों में से एक है। रिपोर्ट के अनुसार, खास तौर पर सांगानेर इलाके में कैंसर से पीड़ित महिलाओं की संख्या पुरुषों की तुलना में दोगुनी है।
सांगानेर क्षेत्र: महिलाओं के लिए बढ़ता कैंसर का खतरा
राजस्थान की राजधानी जयपुर का सांगानेर क्षेत्र, जहां प्रदूषित पानी और जहरीली सब्जियां महिलाओं के लिए कैंसर का बड़ा जोखिम बन गई हैं। हाल ही में एक निजी कैंसर अस्पताल की रिपोर्ट ने इस गंभीर स्थिति को उजागर किया है। रिपोर्ट में बताया गया है कि सांगानेर में महिलाओं में कैंसर के मामले पुरुषों से कहीं ज़्यादा हैं। यह रिपोर्ट बताती है कि प्रदेश में कैंसर के मामलों में जयपुर सबसे ज़्यादा प्रभावित शहर है। साल 2020 से 2024 के बीच राजस्थान के अलग-अलग हिस्सों से आए 14,512 कैंसर रोगियों के डेटा का विश्लेषण करके इसे इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च को भेजा गया है।
शरीर के इन अंगों में सबसे ज्यादा कैंसर के मामले
रिपोर्ट के विश्लेषण से पता चला है कि कैंसर के सबसे ज़्यादा मामले होंठ, मुखगुहा और गला (31.55%) से संबंधित हैं, जिसके बाद पाचन अंग (14.90%), स्तन कैंसर (12.17%), श्वसन अंग (11%), और महिला जननांग कैंसर (8.19%) आते हैं। इन आंकड़ों के अनुसार, हर तीन कैंसर मरीज़ों में से औसतन दो पुरुष और एक महिला रही। हालांकि, जब बात सांगानेर क्षेत्र की आती है, तो 23 रिपोर्ट किए गए मरीज़ों में से 15 महिलाएं थीं, जबकि केवल 8 पुरुष थे। यह साफ दिखाता है कि इस क्षेत्र में महिलाओं में कैंसर के मामले पुरुषों के मुकाबले लगभग दोगुने हैं।
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जल प्रदूषण और जहरीली सब्जियां: एक गंभीर समस्या
सांगानेर में कैंसर के मामलों में बढ़ोतरी का सीधा संबंध क्षेत्र के गंभीर जल प्रदूषण से है। सांगानेर के कपड़ा उद्योगों से निकलने वाले ज़हरीले रसायन भू-जल स्रोतों और नदियों में मिल रहे हैं। इसी प्रदूषित पानी का इस्तेमाल आसपास के खेतों में सब्ज़ियों की खेती के लिए किया जा रहा है। इन रसायनों में कैंसर पैदा करने वाले तत्व (कार्सिनोजेन) और हार्मोन को बाधित करने वाले पदार्थ मौजूद होते हैं, जो महिलाओं के हार्मोनल संतुलन को बिगाड़ सकते हैं।
महिलाओं पर ज़्यादा असर क्यों?
अस्पताल के क्लीनिकल निदेशक डॉ. एसजी काबरा ने बताया कि महिलाओं का शरीर प्रजनन आयु के दौरान हार्मोन-संवेदनशील अंगों जैसे थायरॉइड, स्तन, अंडाशय और गर्भाशय से जुड़ा होता है। इन अंगों में असामान्य वृद्धि का जोखिम ज़्यादा होता है। इसके अलावा, महिलाओं के शरीर में वसा ऊतक (fatty tissue) ज़्यादा होने के कारण ये ज़हरीले तत्व लंबे समय तक शरीर में बने रहते हैं। यही वजह है कि सांगानेर क्षेत्र में महिलाएं पुरुषों की तुलना में कैंसर की ज़्यादा शिकार हो रही हैं।

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