Repo Rate में 50 बेसिस पॉइंट की बड़ी कटौती: आपके लोन की EMI कितनी कम होगी? जानिए विस्तार से
नई दिल्ली: अगर आप होम लोन, पर्सनल लोन या कार लोन लेने की सोच रहे हैं या पहले से कोई लोन चुका रहे हैं, तो यह खबर आपके लिए किसी राहत से कम नहीं। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने शुक्रवार को अपनी द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा बैठक में बड़ा फैसला लेते हुए रेपो रेट में 50 आधार अंकों (0.50%) की कटौती की है। इससे अब रेपो रेट घटकर 5.50% हो गया है, जो पहले 6% था।
यह लगातार तीसरी बार है जब आरबीआई ने रेपो रेट घटाया है, और इस बार की कटौती बाजार की उम्मीदों से कहीं अधिक रही। इसका सीधा असर बैंकों द्वारा दी जाने वाली लोन दरों और आपकी EMI पर पड़ेगा।
रेपो रेट (Repo Rate) कटौती का क्या मतलब है?
रेपो रेट वह दर होती है जिस पर RBI बैंकों को अल्पकालिक ऋण देता है। जब यह दर घटती है, तो बैंक भी अपने कर्ज सस्ते करते हैं ताकि उधार लेने वाले अधिक ऋण लें, जिससे खपत और निवेश को बढ़ावा मिले।
वर्तमान स्थिति:
-
पुराना रेपो रेट: 6.00%
-
नया रेपो रेट: 5.50%
-
यह तीसरी बार है जब RBI ने दरों में कटौती की है (फरवरी और अप्रैल में भी 25-25 बेसिस पॉइंट की कटौती हुई थी)
-
पिछले 5 सालों में इतनी बड़ी कटौती नहीं देखी गई थी
आपके लोन पर क्या असर पड़ेगा?
रेपो रेट में कमी का मतलब है कि अब बैंक भी अपनी लोन दरों को कम करेंगे। अगर बैंक RBI की कटौती को पूरी तरह ग्राहकों तक पहुंचाते हैं, तो:
-
होम लोन दरें फिर से 7.5% से नीचे आ सकती हैं, जो वर्तमान में करीब 8% चल रही हैं।
-
30 लाख के 20 साल के लोन पर EMI में ₹2000 तक की कटौती संभव है।
यह राहत उन लोगों के लिए भी फायदेमंद होगी जो फ्लोटिंग रेट पर लोन चुका रहे हैं।
CRR में भी ऐतिहासिक कटौती
RBI ने न केवल रेपो रेट में, बल्कि कैश रिज़र्व रेशियो (CRR) में भी बड़ी राहत दी है:
-
पुराना CRR: 4%
-
नया CRR: 3% (100 बेसिस पॉइंट की कटौती)
CRR वह राशि है जो बैंकों को बिना उपयोग के आरबीआई के पास जमा रखनी होती है। इसमें कटौती का मतलब है कि अब बैंकों के पास ज्यादा पैसा होगा लोन देने के लिए।
अन्य प्रमुख नीतिगत बदलाव
घटक | पुराना | नया |
---|---|---|
रेपो रेट | 6.00% | 5.50% |
CRR | 4.00% | 3.00% |
SDF (Standing Deposit Facility) | 5.50% | 5.25% |
बैंक रेट | 6.25% | 5.75% |
RBI का आर्थिक दृष्टिकोण: क्या कहा गवर्नर ने?
RBI गवर्नर संजय मल्होत्रा ने स्पष्ट किया कि देश की महंगाई दर 4% से नीचे बनी हुई है, जबकि GDP ग्रोथ संतोषजनक गति से बढ़ रही है।
गवर्नर के प्रमुख बयान:
-
“महंगाई फिलहाल 3.7% के अनुमान पर है, जो लक्ष्य से नीचे है।”
-
“वैश्विक मंदी और कच्चे माल की कीमतों में कमी से लाभ हुआ है।”
-
“हमारा लक्ष्य है घरेलू मांग को बढ़ावा देना और निवेश को रफ्तार देना।”
-
“हमारा रुख अब Neutral है, जो पहले Accommodative था।”
इतनी बड़ी कटौती क्यों की गई?
➤ जवाब है: स्थिर महंगाई + धीमी ग्रोथ
पिछले 6 महीनों में मुद्रास्फीति 4% के नीचे रही है। इसके साथ ही, GDP ग्रोथ रेट अभी भी उम्मीद से धीमी है। ऐसे में, बाजार को प्रोत्साहन देने के लिए RBI ने यह जंबो कटौती की है।
गवर्नर ने यह भी जोड़ा कि ग्लोबल टैरिफ वार और युद्ध जैसी घटनाओं पर RBI की पैनी नजर बनी हुई है।
फिर से सस्ते होंगे होम लोन: EMI में राहत
रेपो रेट में इस साल अब तक 100 बेसिस पॉइंट की कुल कटौती हो चुकी है। इसका मतलब साफ है कि यदि बैंक यह पूरी राहत ग्राहकों तक पहुंचाते हैं तो:
-
EMI में ₹2000 तक की बचत हो सकती है
-
लोन की ब्याज दरें फिर से 7.5% के नीचे जा सकती हैं
-
इससे रियल एस्टेट, ऑटो और कंजम्पशन सेक्टर में मांग बढ़ेगी
SUMMARY
🔹 मुख्य निर्णय: RBI ने रेपो रेट को 0.50% घटाया, जिससे यह 5.50% पर आ गई है।
🔹 क्यों हुआ बदलाव: महंगाई दर 4% से नीचे, ग्रोथ अपेक्षाओं से कम
🔹 असर: होम लोन EMI में ₹2000 तक की राहत, बैंक लोन सस्ते
🔹 अतिरिक्त निर्णय: CRR घटकर 3%, बैंक रेट घटकर 5.75%
🔹 इकोनॉमी फोकस: मांग को बढ़ावा, लिक्विडिटी में इजाफा, निवेश को रफ्तार
भारत जैसे विकासशील देश के लिए रेपो रेट कटौती सिर्फ बैंकों और लोन तक सीमित नहीं है। इससे छोटे कारोबारों, युवा उद्यमियों और पहली बार घर खरीदने वालों को नई ऊर्जा मिलेगी। इसके साथ ही मिडल क्लास परिवारों की EMI पर सीधा असर होगा।
FAQs: आपके सवालों के जवाब
Q1: रेपो रेट घटने से होम लोन पर कितना असर पड़ेगा?
Ans: होम लोन की ब्याज दरें घटेंगी और EMI में ₹2000 तक की राहत मिल सकती है।
Q2: क्या सभी बैंक तुरंत ब्याज दरें कम करेंगे?
Ans: यह बैंक की नीति पर निर्भर करता है, लेकिन सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक सबसे पहले दरें घटा सकते हैं।
Q3: क्या यह सही समय है होम लोन लेने का?
Ans: हां, क्योंकि ब्याज दरें अब नीचे हैं और आगे कीमतें बढ़ सकती हैं।
Q4: क्या रेपो रेट आगे और घटेगा?
Ans: यह महंगाई, GDP ग्रोथ और वैश्विक हालात पर निर्भर करेगा। फिलहाल RBI का रुख Neutral है।
निष्कर्ष:
RBI का यह कदम न केवल आर्थिक मंदी से उबरने की दिशा में है, बल्कि आम आदमी के लिए सीधी राहत भी लाता है। EMI घटने का असर न केवल जेब पर पड़ेगा बल्कि समग्र आर्थिक गतिविधियों में जान भी फूंकेगा।